टेथिस
तरिणी एक कलाकार है जो जोधपुर से हैं। वे कोबाल्ट कंपनी- एक आर्ट स्टूडियो जो साइनोटाइप प्रिंट, विविध माध्यमों पर एनालॉग फोटोग्राफी और पहनने योग्य कलाकृतियों पर काम करता है, की संस्थापक है। तरिणी दिसंबर 2021 में मेहरानगढ़ किले में हुई जल झरोखा कार्यशाला में शामिल हुई थीं। सप्ताह भर चलने वाली इस कार्यशाला में कई गतिविधियां हुईं, जिनमें वाटर हेरिटेज वॉक भी शामिल थी। तरिणी विशेष रूप से राव जोधा पार्क में विरासत से प्रेरित थी जहाँ प्रागैतिहासिक परिदृश्य परिवर्तन को देखा जा सकता है । अपनी प्रेरणा को और विकसित करते हुए तरिणी ने कलाकृतियों की एक श्रृंखला विकसित की, जिन्हें यहाँ प्रस्तुत किया गया है।
कलाकार का कथ्य
तरिणी कुमारी
टेथिस
इस कल्पनाशील श्रृंखला टेथिस महासागर के नीचे कुछ सौ मिलियन वर्षों के दौरान जोधपुर के बदलते परिदृश्य को दर्शाती है। मेसोज़ोइक और सेनोज़ोइक युगों के दौरान जो भूमि अब जोधपुर है वह कभी समुद्र के पानी के नीचे थी। लाखों वर्षों के दौरान, यह परिदृश्य विलुप्ति की घटनाओं और जीवन के पुनरुद्धार से गुज़रा है।
यह कल्पनाशील श्रृंखला में कार्य के छह हिस्से शामिल हैं। उनमें से प्रत्येक हिस्सा उस समय का प्रतिनिधित्व करता है जब टेथिस महासागर के नीचे जीवन फल-फूल रहा था और जब लुप्त हो रहा था।
और तब भी जब इन विलुप्ति की घटनाओं के दौरान, जीवन के बीज के रूप में फाइटोप्लांकटन जीवित रहे; धीरे-धीरे और अधिक जटिल प्राणियों में विकसित होते रहे ताकि जीवन एक बार फिर पनप सके।
टेथिस महासागर की समयरेखा इतनी विशाल है और कई सहस्राब्दियों तक फैली हुई है कि कलाकार ने विलुप्त होने की तीन घटनाओं और पुनर्जीवन की तीन विस्फोटक घटनाओं को चुनने का फैसला किया।
प्रत्येक विलुप्ति की घटना वर्तमान समय के मेहरानगढ़ की वह सायनोटाइप तस्वीर है, जिसमें नमक के धब्बे उस युग में मौजूद फाइटोप्लांकटन का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक पुनर्जीवन की घटना तत्युगीन समुद्री जीवों के साथ चित्रित मेहरानगढ़ की एक साइनोटाइप तस्वीर है।
यह श्रृंखला उन कई परिवर्तनों का प्रतिनिधित्व करती है जहाँ मेहरानगढ़ आज खड़ा है। यह टेथिस के अंदर चलते रहे जीवन और समय का एक समामेलन है।
आगमन
जुरासिक
विलुप्ति
जेलिफ़िश
अन्तराल
सीलाकैंथ
अधिष्ठापन
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